हाथ पैर कांपने की बीमारी का घरेलू उपचार  

हाथ पैर कांपने की बीमारी का घरेलू उपचार (पार्किंसन रोग)

पार्किंसन रोग के लक्षण :

पार्किंसन रोग में पूरा शरीर ख़ासतौर से हाथ-पैर तेज़ी से कंपकंपाने लगते हैं। कभी कंपन ख़त्म हो जाता है, लेकिन जब भी रोगी व्यक्ति कुछ लिखने या कोई काम करने बैठेगा तो पुन: हाथ कांपने लगते हैं। भोजन करने में भी दिक्कत होती है। कभी-कभी रोगी के जबड़े, जीभ व आंखे भी कंपकंपाने लगती हैं। इसमें शारीरिक संतुलन बिगड़ जाता है। चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है। रोगी सीधा नहीं खड़ा हो पाता। कप या गिलास हाथ में पकड़ नहीं पाता। ठीक से बोल नहीं पाता, हकलाने लगता है। चेहरा भाव शून्य हो जाता है। बैठे हैं तो उठने में दिक्कत होती है। चलने में बाँहों की गतिशीलता नहीं दिखती, वे स्थिर बनी रहती हैं। जब यह रोग बढ़ता है तो नींद नहीं आती है, वज़न गिरने लगता है, सांस लेने में तकलीफ़, कब्ज़, रुक-रुक कर पेशाब होना, चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना व सेक्स में कमी जैसी कई समस्याएं घेर लेती हैं। साथ ही मांसपेशियों में तनाव व कड़ापन, हाथ-पैरों में जकड़न होने लगती है, ऐसी अवस्था में किसी योग्य चिकित्सा से परामर्श लेना ज़रूरी होता है।

पार्किंसन रोग के कारण :

अधिक सोचने, नकारात्मक सोच व मानसिक तनाव इसका प्रमुख कारण है। दिमाग़ में चोट, नींद की दवाइयों, नशीली दवाइयों व तनाव कम करने वाली दवाइयों का ज़्यादा प्रयोग, विटामिन ई की कमी, ज़्यादा धूम्रपान, तंबाकू, शराब व फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करने से भी पार्किंसन हो सकता है। प्रदूषण भी इसका एक कारण है। मस्तिष्क तक जाने वाली रक्त वाहिनी नलियों का अवरुद्ध होना व मैंगनीज़ की विषाक्तता भी इसका एक कारण है।

पार्किंसन रोग के घरेलू उपचार :

1.– 4-5 दिन नियमित पानी में नींबू का रस मिलाकर पियें। नारियल का पानी भी इसमें बहुत लाभकारी है।

2.– नियमित दस दिन तक बिना पका हुआ भोजन करें और फलों तथा सब्ज़ियों का जूस पियें तो कुछ ही दिन में यह बीमारी दूर भाग जाती है।

3.– पार्किंसन रोग में सोयाबीन को दूध में मिलाकर पिया जा सकता है। तिल के साथ दूध व बकरी के दूध के सेवन से इस रोग में काफ़ी आराम मिलता है।

4.– हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सलाद खाएं।

– विटामिन ई वाले खाद्य पदार्थों से ज़्यादा सेवन करें।
– प्रतिदिन कुछ हल्के व्यायाम ज़रूर करें।
– विचारों को सकारात्मक रखें और ख़ुश रहें।
– धूप का सेवन करें ताकि विटामिन डी मिल सके।

परहेज़ :

पार्किंसन के रोगी को कॉफ़ी, चाय, नशीली चीज़ें, नमक, चीनी, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार कॉफ़ी पीने वालों में इस बीमारी के होने की आशंका 14 प्रतिशत कम हो जाती है। लेकिन बीमारी हो जाने पर कॉफ़ी से परहेज़ करना चाहिए।

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