बच्चों के तुतलाने व हकलाने का घरेलू उपचार  

बच्चों के तुतलाने व हकलाने का कारण Bachcho Ke Tutlane K Karan

तुतलाना कोई रोग नहीं अपितु मानसिक दोष है, जो अभिभावकों की अज्ञानता के कारण होता है। छोटे बच्चों के तुतलाने पर माता-पिता द्वारा विशेष ध्यान न देने पर वह हमेशा तोतला बोलने लगता है जबकि हकलाहट जबड़ों की पेशियों के कडेपन और होठों की गतिमंदता के कारण होती है। इन दोनों विकारों के कारण बच्चा स्पष्ट स्वर में बात नहीं कर पाता। बाल्यकाल में इन दोषों पर ध्यान न दिया जाए तो यह दोष जीवन भर के लिए हो जाते हैं।

बच्चों के तुतलाने व हकलाने का उपचार Bachcho Ke Tutlane Ka Upchar

1. आंवलाः बच्चे को यदि एक ताजा हरा आंवला कुछ दिनों तक खिलाते रहें तो उसका तुतलाना व हकलाना बंद हो जाता है। बच्चे की जीभ पतली हो जाती है व आवाज स्पष्ट निकलने लगती है।

2. बादामः बादाम की सात गिरी व सात काली मिर्च मिलाकर पत्थर पर पीस लें तथा चटनी की भांति लुगदी बना लें। इसमें जरा सी पिसी हुई मिश्री मिलाकर सुबह-सुबह बच्चे को चटाएं, तुतलाना व हकलाना बंद हो जाएगा। 12 बादाम भिगोकर,छीलकर,पीसकर इसमें आधा छटांक मक्खन मिलाकर कुछ महीनों तक नित्य बच्चे को खिलाएं। इससे उसका तुतलाना व हकलाना बंद हो जाता है व जिह्वा के सभी दोष दूर हो जाते हैं।

3. छुहाराः सोते समय एक छुहारा दूध में उबालकर बच्चे को दें। इस उपचार के दो घंटे बाद तक उसे पानी न पिलाएं इससे आवाज साफ हो जाएगी।

4. अदरकः अदरक का रस शहद में मिलाकर चाटने से तुतलाना काफी हद तक ठीक हो जाता है।

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