शारीरिक हाव भाव (बॉडी लेंग्वेज) BODY LANGUAGE
जैसे कि 60% से ज़्यादा बातें बोले बिना भी कही जातीं हैं, तो ऐसे में रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए सामने वाले की बॉडी लेंग्वेज की समझ रखना बेहद ज़रूरी है।लोगों की बॉडी लेंग्वेज के द्वारा दिए जा रहे संकेतों को समझ पाना एक बेहद रोमांचक कला है। कुछ ज़रा सी भागीदारी दिखाकर, आप किसी की भी बॉडी लेंग्वेज को सटीकता से और आसानी से पढ़ सकते हैं, बस ज़रा से अभ्यास के ज़रिए यह आपके व्यवहार का एक और हिस्सा बन सकती है।
गुस्से/या धमकी के संकेतों को समझें:
गुस्से/या धमकी के संकेतों को समझें: धमकी वाले भावों में, v-आकार की आइब्रो, बड़ी-बड़ी आँखें और खुला हुआ मुँह शामिल है।
- बहुत ज़ोर से कसी हुई भुजाएँ, उस व्यक्ति के बहुत ज़्यादा नाराज़ होने और उसे आपसे दूर ले जाने की ओर संकेत करती हैं।
चिंता के संकेतों को समझें:
चिंता के संकेतों को समझें: जब भी कोई इंसान किसी चिंता में होता है, तो वह ज़रूरत से ज़्यादा बार अपनी पलकें झपकाते पाया जाता है और इनका मुँह एक छोटी सी लाइन की तरह दिखने लगता है।
- ज़्यादा चिंतित लोग अपने हाथों की मुट्ठी बाँधे, और खुद को एक जगह पर टिकाए रखने में नाकामयाब प्रतीत होते हैं।
- जब लोग अनजाने में कई बार अपने पैर को थपथपाते हैं, तो यह उनके चिंता में होने की ओर संकेत देते हैं।
शर्मिंदगी के भाव को समझने का प्रयास करें:
शर्मिंदगी के भाव को समझने का प्रयास करें: शर्मिंदगी में इंसान की आँखें एक जगह टिकी नहीं रह पातीं, उनका सिर भी यहाँ से वहाँ डगमगाता रहता है और वे एकदम नियंत्रित से, यहाँ तक कि कभी-कभी अनचाही सी और तनाव पूर्ण मुस्कान भी देते पाए जाते हैं।
- यदि कोई व्यक्ति बहुत ज़्यादा बार नीचे ज़मीन पर देखता है, तो इसका मतलब शायद वह शर्मीला हो, डरपोक हो या शर्मा रहा हो। जब लोग दुखी होते हैं या फिर किसी भावना को छिपाने का प्रयास करते हैं, तो वे हद से ज़्यादा बार ज़मीन पर देखते हैं। लोग जब ज़मीन पर देखते हैं, तो उन्हें लगता है, कि वे अपनी भावनाओं को छिपा रहे हैं।
अहंकार वाली अभिव्यक्तियों पर ध्यान दें:
अहंकार वाली अभिव्यक्तियों पर ध्यान दें: लोग हल्की सी मुस्कान, अपना सिर पीछे को झुका कर और अपने हाथों को अपनी कमर पर रख के अपना अहंकार दर्शाते हैं।
उस व्यक्ति की आँखों में देखें:
उस व्यक्ति की आँखों में देखें: अध्ययनों के मुताबिक जब भी लोग एक-दूसरे से कुछ रोचक बातें करते हैं, तो उनकी आँखें लगभग 80% समय तक दूसरे व्यक्ति के चेहरे पर केंद्रित रखते हैं। ये ना सिर्फ़ उनकी आँखों पर केंद्रित रहते हैं, बल्कि कुछ समय के लिए उनकी आँखों में, उनकी नाक पर और फिर वापस उनकी आँखों में देखना शुरू कर देते हैं। ये एक-दो बार नीचे टेबल पर भी देख सकते हैं, लेकिन ये वापस से दूसरे व्यक्ति की आँखों में देखना शुरू कर देते हैं।
- लोग जब बातचीत के दौरान ऊपर या दांई ओर देखते हैं, तो समझ जाएँ कि वे बोर हो चुके हैं, और इस बातचीत का कब का खारिज करके अलग हो चुके हैं।
- विस्तृत या घूमती हुई आँखें, चल रही बातों में उस व्यक्ति की रूचि को दर्शाती हैं। ध्यान रहे कि, कुछ दूसरी बातों के कारण भी विस्तृत आँखे देखने को मिलती हैं, जैसे अल्कोहॉल या कोकीन के सेवन के कारण।
- आँखों का संपर्क भी सच्चाई को दर्शाने का प्रतीक है। हालाँकि नियमित या आक्रामक रूप से बनाया हुआ नज़रों का संपर्क, यह दर्शाता है कि उस व्यक्ति को आपके द्वारा बोली जा रही बात की पूरी जानकारी है । ऐसा इंसान जो आपको धोखा दे रहा हो, वो कभी ना कभी आप से नज़रें ज़रूर चुराएगा। हालाँकि, याद रखें, कि सच या झूठ का फैसला करते वक़्त जब कभी हम नज़रों के संबंध से सम्बंधित बातें करे हैं, तो यहाँ पर ऐसी कई बातें हैं, आपको जिन्हें ध्यान में रखने की ज़रूरत है।
व्यक्ति की मुद्राओं पर ध्यान दें:
व्यक्ति की मुद्राओं पर ध्यान दें: यदि कोई अपनी बाँहों को अपने सिर या गर्दन के पीछे रखता है, तो वह आपको दर्शाने का प्रयास कर रहा है, कि वह की जा रही बातों के प्रति खुला रवैया रखता है।
- एकदम कस के जकड़े हुए अंग, सामने से आ रहे विचारों के प्रति प्रतिरोधकता को दर्शाते हैं। या और आसान भाषा में समझाएँ, तो यदि व्यक्ति की मुद्राएँ कुछ इस प्रकार की दिखाई दें, तो समझ जाएँ, कि वह अपने आपको मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से सामने वाले इंसान से दूर जाने का प्रयास कर रहा है।
- 2000 वार्ताकारों की बॉडी लेंग्वेज जानने के लिए किए गए अध्ययन में, वहाँ पर किसी भी मामले में, जहाँ पर किसी एक भी प्रतिभागी ने अपने पैरों को क्रॉस किया था, उनमें किसी भी प्रकार का कोई भी समझौता नहीं हुआ।
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