कमज़ोर स्मरणशक्ति के घरेलू उपचार
कमज़ोर स्मरणशक्ति का कारण व लक्षण Weak Memory Ke Lakshan
जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क और स्नायु दुर्बल हो जाते हैं, उनकी स्मरणशक्ति कमजोर हो जाती है, कुछ याद नहीं रहता तथा स्वभाव से वे भुलक्कड़ हो जाते हैं। विद्यार्थियों की भी यह आम समस्या है कि उन्हें पढ़ा हुआ भलीभांति याद नहीं रहता और याद रहता है तो कुछ ही समय तक।
कमज़ोर स्मरणशक्ति का उपचार Weak Memory Ka Upchar
1. सेव का सेवन करें : सेव के सेवन से स्मरणशक्ति बढ़ जाती है। इसके लिए एक या दो सेव बिना छिलके उतारे चबा-चबाकर भोजन से पंद्रह मिनट पहले खाना चाहिए। यह मस्तिष्क को शक्ति देने के साथ-साथ रक्त की कमी भी दूर करता है।
2. लीची खायें : – लीची का प्रयोग करते रहने से मस्तिष्क को बल मिलता है।
3. आंवला का वें जरूर करें : – स्मरणशक्ति में वृद्धि के लिए प्रतिदिन प्रातः आंवले का मुरब्बा खाएं।
4. गाजर खायें :- गाजर के रस को गाय के दूध के साथ समान अनुपात में मिलाकर पीने से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है।
5. चुकंदर को अपने खाने में शामिल करें :- चुकंदर का रस प्रतिदिन पीने से भी स्मरणशक्ति बढ़ती है।
6. आम का सेवन करें :- दिमागी कमजोरी से होनेवाली स्मरणशक्ति की कमी के लिए एक कप आम का रस, थोड़ा दूध और एक चम्मच अदरक का रस व चीनी मिलाकर पीने से दिमाग में ताजगी का संचार होता है। दूध में आम का रस मिलाकर पीने से भी दिमाग में तरावट आती है। |
7. अखरोट है फायेदेमंद :- दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन अखरोट खाएं |
7. बादाम है उत्तम : बादाम को दिमाग के लिए अमृत के समान माना जाता है। स्मरणशक्ति के विकास के लिए 10 बादाम रात को भिगो दें और सुबह छिलका उतारकर लगभग 10-12 ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर खाएं। लगातार दो माह तक यह मिश्रण खाने से दिमाग की सभी कमजोरियां दूर हो जाती हैं। यदि ऐसा संभव नहीं हो तो भीगे हुए बादाम की लुगदी बनाकर सेवन करें।
दिमागी कमजोरी दूर करने के लिए दूसरा उपाय यह है कि रात्रि के समय बादाम के साथ सौंफ व मिश्री मिलाकर उसे पीस लें। इस चूर्ण को दूध के साथ पीने से स्मरणशक्ति बढ़ती है। यदि यह भी संभव न हो सके तो दस बादाम बारीक पीसकर आधा किलो दूध में मिलाएं और दूध को गर्म कर लें। इसके पश्चात दूध ठंडा होने पर उसमें चीनी मिलाकर पीएं। इस प्रकार किसी भी तरह से बादाम का सेवन करने से दिमाग में तरोताजगी आ जाती है व स्मरणशक्ति में भरपूर वृद्धि होती है।
8. बेल का सेवन करें : एक पका हुआ बेलफल का गूदा मिट्टी के सकोरे में डालकर पानी भर दें। ऊपर पतला कपड़ा या छलनी रख दें। सुबह पानी निथारकर मीठा मिलाकर पीएं दिमाग तरोताजा हो जाएगा। सर्दियों के दिनों में बेल का गूदा मिट्टी के पात्र के बजाय कलईदार बर्तन या स्टील के पात्र में रखें और उसी समय मसलकर गर्म पानी में शहद के साथ घोलकर पी लें। इसके नियमित प्रयोग से दिमागी शक्ति अवश्य बढ़ेगी।
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