हर्पीस जोस्टर ट्रीटमेंट – घरेलू उपाचार Home Remedies 2  

adbook.in   adbook.in    adbook.in

हर्पीस जोस्टर ट्रीटमेंट – घरेलू उपाचार

हर्पीस को अंग्रेजी में जोस्टर कहा जाता है। यह बीमारी बहुत ही खतरनाक होती है। यह रोग हर्पीस नाम के वायरस की वजह से होता है। चालीस साल की उम्र के बाद इस रोग के होने की संभावना अधिक हो जाती है।
इस रोग में चेहरे व त्वचा पर पानी के भरे हुए छोटे छोटे दाने निकलने लगते हैं जिससे इंसान के शरीर के एक ही हिस्से में काफी सारे दाने निकल जाते हैं। हर्पीस की बीमारी में पथरी की तरह दर्द होता है। यह दो प्रकार का होता है जेनिटल हर्पीस और ओरल हर्पीस।
यह रोग ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें चिकन पाॅक्स हुआ हो।

हर्पीस का रोग क्यों होता है?
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने की वजह से
शरीर का कमजोर होना
लगातार खुजली
मरोड़
आदि।

 

हर्पीस की बीमारी को पूरी तरह से वैदिक घरेलू उपायों के जरिए ठीक किया जा सकता है।

हर्पीस का घरेलू उपाचार

बर्फ का पैक
हर्पीस से प्रभावित जगह पर बर्फ का बना पैक लगाना चाहिए। बर्फ को किसी कपड़े या किसी पन्नी में डालकर लगाएं। इससे हर्पीस तेजी से ठीक होता है। ध्यान रहे बर्फ का इस्तेमाल सीधे त्वचा पर ना करें।

बेकिंग सोड़ा का इस्तेमाल
बेकिंग सोड़े को आप पानी में मिलाकर इसे रूई में डुबोकर हर्पिस वाली जगह पर लगाएं। बेकिंग सोड़ा कीटाणुओं काे खत्म करता है। और हर्पिस की वजह से होने वाली खुजली और दर्द से भी आराम देता है।

लेमन बाम का प्रयोग
हर्पीस वायरस को रोकने की एक कारगर और बेहतरीन औषधि है लेमन का बाम। लेमन बाम को हर्पीस वाली जगह पर लगा के आप इस रोग से आराम पा सकते हो।

शहद का प्रयोग
शहद भी एक बेहतरीन औषधि है हर्पीस की बीमारी से बचने की। नियमित रूप से यदि आप शहद को हर्पीस से प्रभावित जगह पर लगाते हैं तो आप इस बीमारी से आराम पा सकते हो।

एलोवीरा का इस्तेमाल
एक प्राकृतिक और घरेलू नुस्खे के तौर पर जाना जाता है एलोवीरा को। हर्पीस की बीमारी में भी एलोवीरा जेल बहुत ही बेहतर तरीके से काम करती है। आप नियमित एलोवीरा के पेस्ट को हर्पीस से प्रभावित जगह पर लगाएं इससे यह बीमारी जल्दी ठीक होती है।

मुलैठी की जड़ का उपयोग
मुलैठी की जड़ से बना चूर्ण हर्पीस की बीमारी को ठीक कर सकता है। मुलैठी की जड़ में कई तरह के एंटीआॅक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं।

जैतून का तेल
जेतून का तेल त्वचा से संबंधित रोगों को ठीक करता है। क्योंकि जैतून के तेल में भी एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं जो त्वचा के अंदर जाकर काम करते हैं। हर्पीस से ग्रसित हिस्सों पर जैतून के तेल को लगाने से यह रोग धीरे.धीरे ठीक होने लगता है।

एंटीवायरल पेपरमिंट तेल
हर्पीस के वायरस को जड़ से खत्म कर देता है पेपरमिंट तेल में मौजूद एंटीवायरल तत्व। यही नहीं हर्पीस से होने वाले भंयकर दर्द से भी राहत देता है यह तेल। आपको बाजार में आसानी से मिल सकता है पेपरमिंट आॅइल।

टी ट्री तेल का इस्तेमाल
टी ट्री आयल भी आपको बाजार में आसानी से मिल जाएगा। यह तेल हर्पीस से होने वाले इंन्फेक्शन को खत्म कर देता है। साथ ही साथ दर्द और खुजली को भी खत्म करता है। टी ट्री आॅयल हर्पीस के संक्रमण को समाप्त करता है।

सावधानी
वैसे तो इन प्राकृति उपायों से यह रोग ठीक हो सकता है लेकिन यदि हर्पीस बीमारी से यदि इंसान काफी लंबे समय से ग्रसित है तो वह अपने को डाॅक्टर से जरूर दिखाए। समय पर इलाज से यह रोग ठीक हो सकता है नहीं तो यह बीमारी इंसान को बहुत सारी परेशानी भी दे सकती है।

Share this Business:

( When You Call Advertiser Kindly Tell Them You Find This Advertisement On www.adbook.in )

Send Message





    Please wait
    Get Directions to this business
    Translate »
    Open chat
    1
    SOON WE CONTACT YOU